मेहनत का फल
Moral Story in Hindi
Moral Story in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस Moral Story में हम गुरुजी और उनके दो शिष्य के बारे में पढ़ेंगे।
परिश्रम का स्वाद भले कड़वा हो परन्तु मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।
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Moral Story in Hindi |
संजय और मनोज दोनों बेरोजगार थे, अपने परिचित गुरुजी से अपनी परेशानी बताई, और कहा गुरुजी हमें कुछ रुपए दीजिए। जिससे हम कुछ काम धंधा शुरू कर सकें।
गुरुजी ने दोनों दोस्तों को एक एक हजार रुपये दिए, साथी ने कहे 1 साल के अंदर तुम्हें रुपयों को लौटाना होगा। दोनों ने गुरुजी की बात मान ली फिर रुपया लेकर चल पड़े।
रास्ते में संजय ने कहा हमें कोई अच्छा काम शुरू करना चाहिए, पर मनोज ने कहा कही घूमने जाएंगे। 1 साल बीत जाने के बाद दोनों दोस्त गुरुजी के पास पहुंचे।
गुरुजी ने पहले मनोज से पूछा तुमने रुपया का क्या किया? लौटाने के लिए रकम लाए हो। मनोज से मुंह लटका कर जवाब दिया- किसी ने धोखा देकर रुपए ठग लिए। गुरुजी ने संजय से पूछा तुम भी खाली हाथ आये हो किया।
संजय ने मुस्कुरा कर जवाब दिया नहीं गुरुजी। आप के ₹1000 और अतिरिक्त एक हजारों पर गुरुजी ने पूछा- तुम इतने रुपए कैसे कमाए क्या तुमने किसी को धोखा दिया है? मैंने तो अपनी सोच और मेहनत से रुपए कमाए हैं।
एक किसान को परेशान देखकर मैंने उसके सारे फल ख़रीद लिए, फिर उन्हें शहर में जाकर बेच दिया। इसके बाद प्रतिदिन मुझे फल लाकर देता और मैं कुछ दिनों के बाद मैंने शहर में दुकानदारोंका कारोबार शुरू किया।
इतना कहकर उसे गुरु जी को मदद करने के लिए धन्यवाद दिया और अतिरिक्त रुपए किसी जरूरतमंद को देने के लिए रखने का आग्रह किया। गुरुजी बहुत खुश हुए।
उन्होंने मनोज से कहा समझदारी मेहनत से काम करते तो सफल हो सकते थे संजय ने कहा- अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है!
समय का सम्मान करो और श्रम का महत्व समझो सफलता कदम चूमेगी।
Final Thought- मुझे उम्मीद है आपको इस कहानी सेे काफी प्रेरणा मिली होगी। कहते हैं ना मेहनत कभी बेकार नहीं जाता है मेहनत का फल मीठा होता है। समय बीत जाने के बाद हमें पछताने के सिवा कुछ नहीं मिलता है इसलिए हमेशा ईमानदारी से मेहनत करनी चाहिए।
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