How to do Meditation In Hindi: वर्तमान जीवन के दिनचर्या और आपसी मतभेद से जो तनाव पैदा होता है उनसे मानसिक तनाव (Mental Stress) बढ़ता है।
अधिकतर लोग इस तनाव में से उलझते जा रहे हैं और इनसे जल्दी बाहर नहीं निकल पाते हैं जीवन में यह उलझन हमें काफी हद तक प्रभावित करती है।
सबसे पहले तो यह हम जानते हैं की जल्दी हम उलझते क्यों है ?
हम उलझनओ और तनाव से बाहर निकल क्यों नहीं पाते हैं? इन तनाव का बीज कहां से आता है? मन में सवाल आते रहता है तो आज हम जान ही लेते हैं मानसिक तनाव क्यों आता है? और इन से बाहर कैसे निकाला जाए ?
मेडिटेशन क्या है (What is Maditation)
Meditation:- ध्यान
Application के Hang होने पर Data cache करना पड़ता है उसी तरह से इंसान होने पर दिमाग क्लियर करना पड़ता है और उसे कहते हैं मेडिटेशन।
जिस तरह से मोबाइल एप्प बंद होने पर काम करते रहती है उसी तरह से इंसान का दिमाग भी काम करते रहता है। जब मोबाइल में ज्यादा डेटा ओवरलोड हो जाता है तो हिट होता है इंसान के दिमाग में डाटा ओवरलोड हो जाए तो क्या क्या हो सकता है यह तो आप जानते ही होंगे।
मेडिटेशन यानी कि ध्यान पिछले कुछ दशकों में मेडिटेशन में पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है इंसान इनसे इतना ज्यादा प्रभावित है जी अपने दिनचर्या का मेडिटेशन को एक हिस्सा बनना चाहता है
सर्वप्रथम मेडिटेशन की शुरुआत भारत में हुई थी।
आज से कुछ दशक पहले विज्ञान इतना ज्यादा नहीं फैला हुआ है जितना कि आज है बिना एडवांस टेक्नोलॉजी के धरती से लेकर सूरज चांद तक की दूरी को सही कैलकुलेशन कर पाते थे।
यह मेडिटेशन ही तो था जिस का सही इस्तेमाल से राजकुमार सिद्धार्थ गौतम बुध बनकर पूरे विश्व को अपने ज्ञान से प्रकाशित किया।
मेडिटेशन जिसके बारे में अधिकतर लोग यह सोचते हैं अपने विचार पर कन्ट्रोल करना ही मेडिकेशन है लेकिन असल में मैडिटेशन का यह अर्थ है की आपका विचार आपको कंट्रोल न कर पाए।
मेडिटेशन का नाम सुनके कुछ लोग डर जाते हैं एक बहुत हार्ड वर्क है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है दोस्त। आप मेडिटेशन के बदौलत आप अपने नेगेटिव सोच को पॉजिटिव भी बदल सकते हैं लगातार 8 हफ्ते तक मेडिटेशन करने के बाद खुद बदलाव होने लगेगा, पढ़ा हुआ आपको याद होने लगेगा।
मेडिटेशन की पावर जाने के लिए आधुनिक मशीनों का सहारा लेकर भी कई प्रयोग किए जा चुके हैं जैसे Brain Scan से पता चलता है कि मेडिटेशन के दौरान Brain के उन हिस्सों में एक्टिविटीज जाती है जिसका संबंध और डिप्रेशन को कम करना है।
मेडिटेशन की अवस्था मे किये गये Brain scan की वेब में काफी बदलाव आता है और ग्रीनविच की फ्रीक्वेंसी को मापते पर उनमें अल्फाबेट की फ्रीक्वेंसी सबसे ज्यादा पाई गई जो नेगेटिव, निराशा, टेंशन, गुस्से को कम करती है।
इंसान को अपने उम्र के बराबर में मेडिटेशन करना चाहिए अगर आप 20 साल की है तो आपको 1 दिन में 20 मिनट मेडिटेशन करना चाहिए।
ध्यान है अपने सोई हुई शक्तियों को जगाना अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल करना साइंस के अनुसार हम अपने दिमाग का मात्र 2% भाग ही इस्तेमाल कर पाते हैं।
अब हम जानते हैं ध्यान कैसे करें
आप अपने घर के कोने में या फिर किसी शांत जगह पर आंख बंद करके बैठ जाएं शरीर को बिल्कुल ढीला करें और धीरे-धीरे सांस ले और छोड़ें।
रात में किसी एक तारे को लगातार 10 मिनट तक देखें यह भी ध्यान करने का एक अच्छा तरीका है
जब ध्यान करने बैठते हैं तो आपके दिमाग का शांत होना बहुत जरूरी है।
ध्यान करने करने के समय में यदि कोई आपके शरीर का अंग में दर्द हो तो आप ऐसा महसूस करें कि वह दर्द हमारे पैर से होकर बाहर की ओर निकल रहा है इनसे आपका दर्द भी कम हो जाएगा।
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