भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में हिंदू धर्म के लिए अयोध्या को एक अति प्राचीन धार्मिक तीर्थ स्थल माना जाता है। रामायण के मुताबिक कहां जाता है की अयोध्या की स्थापना मनु ने की थी अयोध्या में ऐसे सात तीर्थ स्थल है जहां पर विदेशों से भी तीर्थयात्री आते हैं लेकिन सातों में से पहले नंबर अयोध्या का आता है।
सदियों से अयोध्या में राम मंदिर को लेकर आप ही उलझाने पर हुए थे सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बनाने का अनुमति दे दी है।
इसके लिए 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा अभी से ही भूमि पूजन की सभी तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है।
अयोध्या सरयू नदी के तट पर अवस्थित है प्रबंधक इतिहास में अयोध्या कोसल राज्य की प्रारंभिक राजधानी थी।
गौतम बुद्ध के काल में कौशल दो भाग में बैठ गए-
दक्षिणी कौशल उत्तरी कौसल दोनों के बीच में सरयू नदी बहती है वहीं इसकी तुलना स्वर्ग से की गई है।
अयोध्या मूल रूप से हिंदू मंदिरों का शहर रहा है यहां पर 24 तीर्थ कारों में से 5 कारों का जन्म हुआ था जिनमें से ऋषि भाग नाथ जी, अजीत नाथ जी, अभिनंदन नाथ जी,अनंत नाथ जी। इन्होंने लगभग 16 वर्षों तक यहां ठहरे थे। इसके अलावा जैन और वैदिक दोनों मतों के अनुसार भगवान रामचंद्र जी का भी जन्म इसी भूमि पर हुआ था।
इसलिए अयोध्या को श्री राम का जन्म स्थान कहा जाता है शोध से पता चलता है श्री राम का जन्म आज से लगभग 5114 ईसा पूर्व हुआ था और यह ऐतिहासिक महापुरुष थे।
भगवान श्री राम के बाद लव ने श्री बस्ती बसाई थी जिनका उल्लेख अगले 800 वर्षों तक का मिलता है भगवान श्री राम के पुत्र उसने एक बार पुनः राजधानी अयोध्या को पुनः निर्माण कराया था।
महाभारत के बाद भी राम जन्मभूमि सुरक्षित था लेकिन 1527-28 के बाद बाबरी ने भव्य राम मंदिर को तोड़कर एक मस्जिद बनवाया जिनका नाम बाबरी मस्जिद रख दिया।
आज से लगभग 400 साल पहले ही अयोध्या में विवाद का नीव पड़ी थी जहां मंदिर के जगह पर मस्जिद बनवाया गया था।
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