हेलो दोस्तों
मैं बम बम आप सभी का स्वागत करता हूं।
हर किसी का सपना होता है मैं भी कामयाब बनो लेकिन 5 से 9 फीसदी लोगे कामयाब हो पाते हैं। क्योंकि कामयाबी होने के लिए कामयाबी की सीढ़ी लक्ष्य पर लगाना होता है उस लक्ष्य पर पहुंचने के लिए दिन रात सूरज की तरह जलना पड़ता है रास्तों में मिले कठिनाइयों से लड़ना पड़ता है।
आज हम ऐसे जो बात जानेंगे जिससे लक्ष्य का चयन करने में आसानी होगी।
अपने टैलेंट को पहचानना
हर किसी के अंदर ईश्वर एक ऐसा टैलेंट देख कर भेजते हैं जिससे उसका सही उपयोग कर वह अपना जीवन यापन कर सकते हैं लेकिन ईश्वर यह नहीं कहते की तुम बैठे रहो मेहनत ही ना करो सिर्फ अपने सफलता का इंतजार करो
अब आपके अंदर कौन सा टैलेंट है उसे पहचानना होता है।
जब हम स्टूडेंट लाइफ से गुजर रहे होते हैं तो हमें उस वक्त क्रिकेट खेलना भी अच्छा लगता है कबड्डी खेलना भी अच्छा लगता है कभी मन करता है फौजी बनकर देश का सेवा करू तो कभी मन करता है एक बड़ा बिजनेस ही बन जाऊ तो कभी मन करता है दोस्तों के साथ जाकर इंजीनियरिंग कर लू।
यहां पर मन कुछ ऐसा हो जाता है कि क्या करूं क्या नहीं। यह घटना लगभग 90% विद्यार्थियों का होता है।
जब ऐसी परिस्थिति में फंसे से है तो आप किसी एकांत जगह पर जाकर बैठ जाए और खुद से बातें करें खुद से पूछो मुझे क्या करना है और अंदर से मीठी शब्दों में आवाज आएगी तुझे क्या करना है आपको जिस चीज में ज्यादा रुचि होगा उसी चीज को करने के लिए आपका मन भी कहेगा यदि आप अपना लक्ष्य को निश्चित कर लेते हैं
तो आप उस लक्ष्य पर काम करना शुरू कर देते हैं और सोचते हैं मुझे कितना जल्दी अपना लक्ष्य हासिल हो जाए लेकिन नहीं यार लक्ष्य को पानी में समय लगता है मेहनत लगता है जब आप मेहनत कर रहे होते हैं तो आपके दोस्त आपको डिमोटिवेट भी करने का कोशिश करते होंगे
जब उन्हें पता लगता होगा कि आप अपना लक्ष्य का चयन कुछ बड़ा कर लिए हैं तो उन्हें आपको देखकर क्रोधित भी होगा लेकिन आपको डिमोटिवेट नहीं होना है बल्कि दुनिया की हर एक ऊंचाइयों तक जाना है
" विकल्प मिलेंगे बहुत
मार्ग भटकाने के लिए
संकल्प एक ही काफी है
मंजिल तक जाने के लिए"
एक टिप्पणी भेजें