मैं बम बम आप सभी का स्वागत करता हूं।
आज हम बात करने वाले हैं ऐसे 5 डर बारे में यदि आपके अंदर इनमें से कोई एक भी डर होगा तो आप सफल नहीं हो सकते हैं यदि आपको सफल होना है तो आप इन पांचों में से आपके अंदर कौन सा डर है उनको पहचानिए और उसे बाहर निकालिए।
इंसान को जिस चीज से डरना चाहिए उसे वह बेफिक्र होकर के करता है, और जिस काम से नहीं डरना चाहिए उसे डर डर कर करता है।
- किसी के साथ बुरा करने से डरना चाहिए
- चोरी करने से डरना चाहिए
- झूठ बोलने से डरना चाहिए
- किसी को धोखा देने से डरना चाहिए
तो चलिए अब हम जानते हैं पांच डर के बारे में
- आलोचना का डर:- दुनिया का सबसे बड़ा डर आलोचना का डर होता है। लोग सोचते हैं माता-पिता क्या कहेंगे,भाई बहन क्या कहेंगे, पत्नी क्या कहेगी,बच्चे क्या कहेंगे, रिश्तेदार क्या कहेंगे इसी डर से अपने सपने को छोड़ देते हैं। आप अपने अंदर झांके और इसे दूर कीजिए थॉमस अल्वा एडिसन को मंदबुद्धि बालक समझकर स्कूल से बाहर कर दिया था फिर भी वह एक महान वैज्ञानिक होने क्योंकि उन्हेंं आलोचना का डर नहीं था
- प्यार को खो जाने का डर:- अक्सर लोगों को अपने प्यार को खोने का डर लगा रहता है। कहीं हमें पत्नी छोड़ कर चली ना जाए, बच्चे छोड़ कर कहीं चले मिल जाए, गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड को एक दूसरे से बिछड़ने का डर होता है, कुछ तो ऐसे लड़का लड़की होते है जो बहुत ही कम उम्र में प्यार कर बैठे हैं। और अपने सपनों पर काम करने का समय ही नहीं निकाल पाते है।
उदाहरण के तौर से विराट कोहली को लेतेे हैं जब वे 17 साल के थे तो उन्होंने देर रात 3:00 बजे पिता के अंतिम सांसे लेते देखा उसी केेे अगले रोज विराट कोहली का मैच था उन्होंने पहले मैच खेल कर के इसके बाद पिता का अंतिम संस्कार किया क्योंकि उनके पिता का भी सपना था तू बहुत बड़ा आदमी बनेगा । इसलिए उसने इस डर को खत्म किया और पहले अपने सपनेे पे काम काम किया।"जिंदगी में कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है"
- गरीबी का डर:- यदि आप कोई कोई बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको पहले से ही डर लगा रहता है कहीं से फेल हो जाऊं जिससे मुझे नुकसान हो जाएगा और आप अपना गरीबी को देखकर बिजनेस करने से हार मान लेते हैं।
बात करते हैं धीरूभाई अंबानी का उनके परिवार में 7 सदस्य उन्होंने ₹300 पर महीना का जॉब करना शुरू किया और आज रिलायंस कंपनी को पूरे देश में कौन नहीं जानता है उन्होंने अपने गरीबी को नजरअंदाज किया। और आज भारत के सबसे अमीर इंसान बन कर दिखाया क्योंकि उसने कभी गरीबी से डरा नहीं। "इंसान गरीब पैदा नहीं होता गरीब सोचे कारण गरीब होता है"
- वृद्धा अवस्था मैं मरने का डर:- कुछ ऐसे लोग होते हैं जो कहते हैं मेरा अब 35 से 40 वर्ष हो चुका है अब मैं क्या कर सकता हूं सब लोग तो बुड्ढा होने के लिए चले इसी से हार मान लेते हैं। नेशनल मंडेला को 46 साल की उम्र में उम्र कैद हो गया था उन्होंने 27 साल जेल में रहनेे के बाद 70 साल की उम्र में दक्षिण अफ्रीका का पहला श्वेत राष्ट्रपति बना जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका का इतिहास ही बदल डाला।
- बीमारी का डर:- कई लोग बचपन से ही दिव्यांग होतेे हैं या फिर कई लोग अपने सोच के कारण दिव्यांग हो जाते हैं और उसे डर लगा रहता है हमसे तो होगा ही नहीं क्योंकि हम दिव्यांग हैं बात करते हैं योग के गुरु रामदेव बाबा को उनका शरीर का एक भाग पोलियो से ग्रसित था लेकिन उन्होंने योग करते करते शरीर को भी पूरे शरीर को स्वस्थ कर लिया
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